What was ABC Computer? | ABC Computer क्या था?
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आज के लैपटॉप का दादा कौन था? मिलिए ABC से!
सोचिए जरा…
जब 1940s में ज़्यादातर मशीनें mechanical पार्ट्स से चल रही थीं – गियर, रिले, और पंच कार्ड्स से…
तब पहली बार एक कंप्यूटर सामने आया जो कहता था –
“अब ना कोई घिसटने वाली gears… ना ही धीमी चाल – अब गणनाएँ होंगी बिजली की रफ़्तार से!”
यही था – ABC Computer,
जिसने पहली बार दिखाया कि बिना मोटर, बिना गियर – केवल Vacuum Tubes और Binary System से भी कंप्यूटर काम कर सकता है।
👉 यही शुरुआत थी सचमुच डिजिटल कंप्यूटर के युग की – जहाँ स्पीड भी थी, साइलेंस भी और टेक्नोलॉजी की नई सोच भी।
What was ABC Computer? | ABC Computer क्या था?
ABC कंप्यूटर क्या था – एक नजर में पूरी कहानी
ABC का पूरा नाम था Atanasoff-Berry Computer – और ये दुनिया का पहला कंप्यूटर था जो पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक तकनीक पर आधारित था। इसमें न कोई घूमने वाले पार्ट्स थे, न गियर, न बेल्ट – सिर्फ वैक्यूम ट्यूब्स और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स! यानी ये वो दौर था जब कंप्यूटर ने “बटन दबाओ और जवाब लो” वाली दिशा में पहला कदम रखा।
इसका निर्माण किया था – प्रोफेसर जॉन एटानासॉफ और उनके छात्र क्लिफर्ड बेरी ने, 1937 से 1942 के बीच आयोवा स्टेट कॉलेज (अब आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी) में।
इस मशीन का उद्देश्य था – जटिल गणनाएँ करना, ख़ासतौर पर linear equations को हल करने के लिए। इसकी सबसे अनोखी बात ये थी कि इसने पहली बार बाइनरी सिस्टम (0 और 1) का इस्तेमाल किया और साथ ही इलेक्ट्रॉनिक स्विचिंग को अपनाया, जिससे इसकी स्पीड और सटीकता दोनों काफी बढ़ गईं।
हालाँकि इसमें memory या program-storing की सुविधा नहीं थी, लेकिन ये एक क्रांतिकारी शुरुआत थी – और इसी के कारण जॉन एटानासॉफ को “डिजिटल कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है।
ABC क्यों खास था?
ABC कंप्यूटर कोई मामूली मशीन नहीं थी — इसने वो काम किया, जो उस जमाने में सिर्फ सपना लगता था! चलिए जानते हैं, इसे इतना “स्पेशल” क्यों माना जाता है:
🟢 पूरा इलेक्ट्रॉनिक था:
ABC पहला कंप्यूटर था जिसमें किसी mechanical part (जैसे gear या belt) का इस्तेमाल नहीं हुआ। इसकी पूरी शक्ति vacuum tubes और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स से आती थी।
🟢 Binary System का पहली बार प्रयोग:
आज के सारे डिजिटल सिस्टम 0 और 1 यानी बाइनरी कोड पर चलते हैं — और इसकी शुरुआत ABC से ही हुई थी। ये पहला कंप्यूटर था जिसने binary logic को अपनाया।
🟢 Electronic Switching ने बढ़ाई रफ्तार:
ABC ने mechanical switches की जगह electronic switching को अपनाया, जिससे इसकी गणना करने की रफ्तार कई गुना बढ़ गई।
🟢 Linear Equations के लिए खास डिज़ाइन:
इस मशीन को खास तौर पर equations को हल करने के लिए तैयार किया गया था। यानी जो काम इंसान घंटों में करते, वो ABC मिनटों में निपटा देता।
🟢 प्रोग्रामिंग नहीं थी, फिर भी क्रांति ला दी:
भले ही इसे दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता था, लेकिन इसकी टेक्नोलॉजी ने future generation के programmable कंप्यूटर्स की राह खोल दी।
ABC का असर – भविष्य की नींव
ABC कंप्यूटर कोई ऐसा वैसा प्रयोग नहीं था, ये तो उस बीज की तरह था जिसने आगे चलकर कंप्यूटर क्रांति को जन्म दिया।
👉 Vacuum Tubes का पहला प्रयोग:
ABC वो पहला कंप्यूटर था जिसमें वैक्यूम ट्यूब्स का इस्तेमाल हुआ। आगे चलकर यही तकनीक ENIAC और बाकी सभी डिजिटल कंप्यूटर्स में अपनाई गई।
👉 Future Computers का आधार:
हालांकि ABC खुद प्रोग्राम नहीं हो सकता था, लेकिन इसकी structure और logic ने आने वाले कम्प्यूटर्स के लिए blueprint तैयार कर दिया।
👉 John Atanasoff को मिला सम्मान:
बाद में John Atanasoff को “डिजिटल कंप्यूटर का जनक” (Father of the Digital Computer) कहा गया — क्योंकि उनकी सोच और टेक्नोलॉजी ने ही असली Digital Age की शुरुआत की।
👉 एक inspiration बनी कहानी:
ABC का निर्माण भले ही एक single-purpose मशीन के तौर पर हुआ हो, लेकिन इसकी engineering approach ने पूरी दुनिया को ये दिखा दिया कि electronics ही भविष्य है।
✍️ निष्कर्ष – जब कंप्यूटर बना Digital
ABC कंप्यूटर ने ये साबित कर दिया कि भविष्य सिर्फ़ mechanical gears से नहीं, बल्कि electronic logic से बनेगा।
जहाँ Mark I ने automation का रास्ता दिखाया था, वहीं ABC ने digital revolution की पहली ईंट रखी।
यह कोई fancy machine नहीं थी – ना स्क्रीन, ना स्टोरेज, और ना ही programming flexibility…
लेकिन फिर भी, इसकी simplicity के पीछे छुपा था एक vision – कि एक दिन कंप्यूटर इंसानों की तरह सोचने लगेंगे।
और यही vision, आने वाले वर्षों में ENIAC, UNIVAC और फिर आधुनिक कंप्यूटर्स में बदल गया।
तो अगली बार जब आप अपने लैपटॉप पर कुछ सेकंड में calculation करें – याद रखिए, सबकी शुरुआत हुई थी ABC से! 😊💡
तो अब सोचिए – अगर एक कंप्यूटर बिना प्रोग्राम के ही इतना कर सकता था, तो फिर ऐसा कंप्यूटर कैसा होगा जो प्रोग्राम भी हो सके, और स्पीड में बेमिसाल हो?
👉 “ENIAC – पहला Programmable Electronic Computer” आने वाला था, जो सब कुछ बदलने वाला था।
📌 अगली पोस्ट में जानिए:
What is ENIAC? | एनिएक क्या था, कैसे बना, और क्यों बना कंप्यूटर इतिहास का सबसे बड़ा मोड़?
➡️ अगली कड़ी जरूर पढ़िए… मज़ा आएगा! 😉
तो दोस्तो, आगे और भी जबरजस्त tech journeys लेकर आ रहे हैं – तो जुड़े रहिए हमारे साथ!
मिलते हैं अगली पोस्ट में एक नए invention के साथ, जो बदलेगा कंप्यूटर इतिहास की दिशा! 🔍
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