What was Mark I? | मार्क I क्या था?
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50 फीट लंबा, 5 टन वजनी – मिलिए पहले Automatic कंप्यूटर से!
दोस्तों, जरा कल्पना करिए… अगर 1940 के दशक में ही कोई ऐसी मशीन होती जो बिना थके, बिना रुके, खुद ही कैलकुलेशन कर ले — वो भी पूरी तरह ऑटोमैटिक तरीके से!
बस इंसान निर्देश दे और घंटों का हिसाब-किताब मिनटों में निपट जाए! 🤯
हां जी! यही कारनामा कर दिखाया था – Mark I ने!
👉 ये था दुनिया का पहला Fully Automatic Electro-Mechanical Computer, जिसने modern computing की नींव रखी थी।
तो चलिए जान लेते हैं इस ज़बरदस्त invention की पूरी कहानी – Mark I क्या था, कैसे बना, क्या कर सकता था, और इसे इतना खास क्यों माना गया? 🔍
What is Mark I? | मार्क I क्या था?
Mark I क्या था? – पहला Fully Automatic Computer!
Mark I, जिसे Harvard Mark I के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया का पहला पूरी तरह ऑटोमैटिक और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंप्यूटर था। इसे 1944 में आईबीएम (IBM) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया था, और इसका डिज़ाइन किया था हावर्ड आइकन (Howard Aiken) ने।
👉 ये मशीन करीब 50 फीट लंबी थी, वजन था लगभग 5 टन, और इसमें हजारों गियर, तार, और रिले लगे थे।
👉 Mark I पंच कार्ड्स के जरिए इनपुट लेता था और फिर बड़ी तेज़ी से कैलकुलेशन करता था – बिलकुल बिना किसी इंसानी दखल के! 🤖
कैसे करता था काम?
कैसे करता था काम?
- Mark I में रिले-बेस्ड सिस्टम (Relay-Based System) था, जिसकी मदद से ये:
✅ जोड़ (Addition) सिर्फ 0.3 सेकंड में कर लेता था!
✅ और भाग (Division) जैसे बड़े कैलकुलेशन में भी सिर्फ 6 सेकंड लगते थे।
- इसमें ना कोई मॉनिटर था, ना स्क्रीन — जो भी आउटपुट मिलता था वो पंच कार्ड्स या प्रिंटर के जरिए ही मिलता था। 🖨️
- उसे step-by-step instructions दी जाती थीं, और वो बिना रुके, खुद-ब-खुद उन पर काम करता था – यही बनाता था उसे fully automatic!
क्यों खास था Mark I?
क्यों खास था Mark I?
✅ Mark I पहला ऐसा कंप्यूटर था जो लगातार बिना रुके गणनाएँ (calculations) कर सकता था – यानी इंसानी मदद के बिना भी चलता रहता था।
✅ द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान इसे नौसेना (Navy) ने ballistic calculations और artillery planning जैसे critical कामों में इस्तेमाल किया — जिससे जमीन से लेकर समंदर तक strategy बदल गई। ⚓💣
✅ इसने आने वाले कंप्यूटर्स की नींव (foundation) तैयार की और IBM जैसी टेक कंपनी के विकास में एक बड़ा कदम साबित हुआ।
Mark I क्यों था इतना शानदार?
✅ Mark I क्यों था इतना शानदार?
Fully Automatic था – यानी एक बार प्रोग्राम कर दिया तो इंसानी दखल के बिना लगातार काम करता था।
High Accuracy – जोड़, गुणा, भाग जैसी गणनाएँ बेहद सटीक करता था।
World War II Hero – युद्ध के समय, अमेरिका की नौसेना ने इसका उपयोग किया हथियारों के डाटा और ट्रैजेक्टरी कैलकुलेशन के लिए।
IBM की Tech Journey का स्टार्ट – यही वह प्रोजेक्ट था जिसने IBM को future computers बनाने की direction दी।
लेकिन कुछ कमियाँ भी थीं…
❌ लेकिन कुछ कमियाँ भी थीं…
🔹 बहुत बड़ा और भारी – करीब 50 फीट लंबा और 5 टन वजनी! यानी अपने कमरे में नहीं, शायद एक छोटे हॉल में ही समा पाए 😅
🔹 Output काफी स्लो था – Division करने में इसे 6 सेकंड तक लगते थे। यानी आज के smartphone calculator से भी धीरे!
🔹 कोई memory system नहीं था – डेटा store करने का कोई तरीका नहीं। हर बार नया पंच कार्ड डालना पड़ता था… थोड़ा झंझट भरा प्रोसेस था।
🔹 Programmability भी limited थी – Instructions पहले से fix होते थे, बार-बार बदल नहीं सकते थे। मतलब dynamic काम करना possible नहीं था।
Mark I कोई आम मशीन नहीं थी – यह उस दौर की सबसे बड़ी टेक छलांग थी, जिसने इंसानों को ये दिखाया कि मशीनें भी सोच-समझकर काम कर सकती हैं।
यह पहला Fully Automatic कंप्यूटर था जिसने गणनाओं को इंसानी मेहनत से मुक्त कर दिया।
लेकिन…
जैसे-जैसे जरूरतें बढ़ीं और दुनिया तेजी से बदलने लगी, वैसे-वैसे Mark I की सीमाएं भी सामने आईं – यह भारी-भरकम था, धीमा था और प्रोग्रामिंग में लचीलापन नहीं था।
💡 और यही वो मोड़ था, जहां से अगली डिजिटल क्रांति की नींव रखी गई – ENIAC और आगे आने वाले स्मार्ट कंप्यूटर्स की!
अब अगली पोस्ट में जानेंगे – ABC Computer (1942) के बारे में!
जिसे कई लोग “पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर” भी मानते हैं!
तो सवाल ये है –
जब Mark I जैसे भारी-भरकम कंप्यूटर थे, तब ABC ने क्या नया किया?
💡 और क्यों ये कंप्यूटर एक silent hero बन गया, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं?
तैयार रहिए… क्योंकि अब कहानी जा रही है deep tech zone में! 😎
💌 और हाँ… इस पोस्ट को अपने उस खास दोस्त के साथ जरूर शेयर कीजिए,
जो आपकी ही तरह एक sacche tech lover हैं – जिसे कंप्यूटर, मशीन और टेक्नोलॉजी से वैसी ही मोहब्बत है जैसी चाय से होती है सुबह-सुबह! ☕💻😉
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Top Trending FAQs for - : What is Mark I? | मार्क I क्या था?
1. Mark I Computer क्या है?
👉 Mark I दुनिया का पहला Fully Automatic Electro-Mechanical Computer था, जिसे 1944 में IBM और Harvard ने बनाया।
2. Mark I किसने बनाया था और क्यों?
इसे Howard Aiken ने डिज़ाइन किया था ताकि WWII में नेवी की जटिल गणनाएँ जल्दी और सटीक हो सकें।
3. Mark I की खास बातें क्या थीं?
👉 यह पंच कार्ड्स से चलता था, automatic था, और Addition सिर्फ 0.3 सेकंड में कर सकता था!
4. Mark I का इतिहास में क्या महत्व है?
👉 इसने future computers की राह बनाई और IBM जैसे टेक जाइंट्स की शुरुआत की। इसे ही modern computing की पहली सीढ़ी माना जाता है।
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